लखनऊ (अवध) में विद्रोह का प्रारंभ 30 मई, 1857 को हुआ। यहां विद्रोह का नेतृत्व बेगम हजरत महल ने किया और अपने अल्पवयस्क पुत्र विरजिस कादिर को नवाब घोषित किया।
मार्च, 1858 में कैंपवेल ने यहां के विद्रोह को समाप्त कर लखनऊ पर पुनः कब्जा कर लिया, जबकि बेगम हजरत महल ने आत्मसमर्पण करने से इन्कार कर दिया और नेपाल चली गईं।