बंगाल विभाजन के विरोध में छेड़ा गया स्वदेशी आन्दोलन आंदोलन था।
19 जुलाई 1905 को बंगाल विभाजन की घोषणा लार्ड कर्जन (Lord Curzon) द्वारा किया गया था। जिसके विरोध में 7 अगस्त 1905 को स्वदेशी आंदोलन की शुरुआत की गई थी। इस आंदोलन का उद्देश्य ब्रिटेन में बने वस्तुओं का बहिष्कार (Disfellowship) करना तथा स्वदेशी वस्तुओं पर जोर देना था।