बिरसा मुंडा का कार्यक्षेत्र रांची से लेकर भागलपुर (Ranchi to Bhagalpur) तक था।
बिरसा मुंडा का मुख्य उद्देश्य जनजातियों में समाज सुधार करना एवं इन्हें ब्रिटिश सत्ता से दूर रखना था। बिरसा ने अनेक देवताओं (बोंगा) की पूजा को छोड़कर अपने अनुयायियों से एक ईश्वर (सिंग बोंगा) की पूजा करने का आह्वान किया।
मुंडा विद्रोह को दबाने के लिए ब्रिटिश सरकार ने सैनिक शक्ति का प्रयोग किया।