विश्वशांति: शब्द का शाब्दिक अर्थ विश्व की शांति है । आज सर्वत्र ईर्ष्या, द्वेष, असहिष्णुता, अविश्वास, असंतोष आदि जैसे दर्गुण विद्यमान है।
ये दुर्गुण जहाँ विद्यमान है वहाँ की शांति की कल्पना कैसे कि जा सकती है? शांति भारतीय दर्शन का मुल तत्व है। यह शांति धर्म मुलक है। धर्मो रक्षति रक्षित: ऐसे प्राचीन संदेश विश्व का अस्तित्व और के लिए ही प्रेरित है।
इस पाठ का मुख्य उद्देश्य व्यक्ति, समाज और राष्ट्रो को आपसी द्वेष, असंतोष आद से दुर कर शांति, सहिष्णुता आदि का पाठ पढाना है।