उत्तोलक ( Lever) तीन प्रकार के होते हैं, जो इस प्रकार हैं —
1. प्रथम श्रेणी का उत्तोलक : इस वर्ग के उत्तोलकों में आलंब F, आयास E तथा भार W के बीच में स्थित होता है। इस प्रकार के उत्तोलकों में यांत्रिक लाभ 1 से अधिक, 1 के बराबर तथा 1 से कम भी हो सकता है । इसके उदाहरण हैं— कैंची, पिलाश, सिंडासी, कील उखाड़ने की मशीन, शीश झूला, साइकिल का ब्रेक, हैंड पम्प।
2. द्वितीय श्रेणी का उत्तोलक : इस वर्ग के उत्तोलक में आलंब Fव आयास E के बीच भार W होता है। इस प्रकार के उत्तोलकों में यांत्रिक लाभ सदैव एक से अधिक होता है। इसके उदाहरण हैं— सरौता, नींबू निचोड़ने की मशीन, एक पहिये की कूड़ा ढोने की गाड़ी आदि।
3. तृतीय श्रेणी का उत्तोलक : इस वर्ग के उत्तोलकों में आलंब F भार W के बीच में आयास E होता है। इसका यांत्रिक लाभ सदैव एक से कम होता है। उदाहरण— चिमटा, मनुष्य का हाथ।