मुस्लिम लीग (Muslim League) की स्थापना वर्ष 1906 में की गई थी। बांग्लादेश के ढाका में नवाब सलीमुल्ला खाँ (Nawab Salimullah Khan) और आगा खाँ (Aaga Khan) के द्वारा मुस्लिम लीग की स्थापना की गई थी।
मुस्लिम लीग ने 1943 के कराँची अधिवेशन में "बाँटों और जाओ" का नारा दिया था।
22 दिसम्बर, 1939 को कांग्रेस के प्रांतीय सरकारों द्वारा इस्तीफे के पश्चात् मुस्लिम लीग ने मुक्ति दिवस के रूप में मनाया था।
16 अगस्त, 1946 को मुस्लिम लीग ने प्रत्यक्ष कार्यवाही दिवस के कप में मनाया था। प्रत्यक्ष कार्यवाही के दौरान सर्वाधिक लोग बंगाल के नोआखली में मारे गये थे।
1946-47 में हिंदू-मुस्लिम दंगे को रोकने हेतु महात्मा गाँधी (Mahatma Gandhi) के अदम्य साहस के कारण लॉर्ड माउंटबेटन (Lord Mountbatten) ने गाँधीजी को 'वन मैन बाउंड्री फोर्स' कहकर संबोधित किया था।