पूना समझौते (Poona Pact) पर महात्मा गाँधी (Mahatma Gandhi) और डॉ० भीमराव अम्बेडकर (Dr. Bhimrao Ambedkar) ने हस्ताक्षर किये थे। 24 सितम्बर, 1932 को पूना पैक्ट हुआ था।पूना पैक्ट द्वारा गाँधीजी ने दलितों को बाँटने का अंग्रेजों के प्रयास को असफल कर दिया।
16 अगस्त, 1932 को रैज्मै मैकडोनाल्ड ने कम्यूनल अवॉर्ड की घोषणा किया था। इसके द्वारा हिन्दू दलितों को अलग निर्वाचन मण्डल देने का प्रावधान किया गया था। गाँधीजी इसके विरूद्ध में पूना के यरवदा जेल में रहकर आमरण अनशन किये थे। दलितों के अलग निर्वाचन रद्द कर उन्हें केन्द्रीय विधायिका मण्डल और राज्य विधान सभाओं में अधिक स्थान देने का वादा किया था।
भारतीय परिषद् एक्ट–1909 (Indian Council Act–1909) के द्वारा मुस्लिमों को अलग निर्वाचन मण्डल दिया गया था।
भारतीय शासन अधिनियम–1919 (Government of India Act–1919) के अन्तर्गत साम्प्रदायिका का और अधिक विस्तार किया गया जब सिख, भारतीय ईसाइयो आंग्ल-भारतीयों और यूरोपीयों के लिए भी पृथक निर्वाचन के सिद्धान्त को विस्तारित कर दिया गया।