चटगांव शस्त्रागार धावे को मास्टर दा (Master Da) के नाम से प्रसिद्ध सूर्यसेन (Surya Sen) ने आयोजित किया था।
सूर्यसेन ने बंगाल में इंडियन रिपब्लिकन आर्मी (I.R.A.) की स्थापना की थी। इसके सदस्यों में अनंत सिंह, अंबिका चक्रवर्ती, लोकीनाथ, प्रीतिलता वाडेदर, गणेश घोष, कल्पना दत्त, आनंद गुप्त तथा टेगराबल प्रमुख थे।
18 अप्रैल, 1930 को सूर्यसेन ने अंग्रेजों के विरुद्ध युद्ध की घोषणा की। सूर्यसेन के नेतृत्व में आई.आर.ए. के सदस्यों ने चटगांव शस्त्रागार पर आक्रमण कर हथियारों पर कब्जा कर लिया।
22 मई, 1930 को आई.आर.ए. के सदस्यों और सेना के बीच संघर्ष हुआ, जिसमें 80 सैनिक और 12 क्रांतिकारी मारे गए।
16 फरवरी, 1933 को सूर्यसेन को गिरफ्तार कर लिया गया। उनके ऊपर मुकदमा चला तथा 12 जनवरी, 1934 को उन्हें फांसी दे दी गई।