गदर क्रांति छिड़ने का सबसे महत्वपूर्ण कारण प्रथम महायुद्ध का शुरू होना था ।
स्वदेशी आंदोलन के निष्क्रिय होने से भारतीय राष्ट्रवाद के प्रहरी भी निष्क्रिय हो गए थे। वर्ष 1914 ई. में अचानक छिड़े प्रथम विश्व युद्ध ने भारतीय राष्ट्रीयता के प्रहरियों को झकझोरा, उन्हें उद्वेलित किया।
उस समय यह धारणा प्रचलित थी कि ब्रिटेन पर किसी भी तरह का संकट भारत के हित में है, उनके लिए एक मौका है। इस मौके का कई जगहों पर कई तरह से फायदा उठाया गया।
उत्तरी अमेरिका में गदर क्रांतिकारियों और भारत में लोकमान्य तिलक, एनी बेसेन्ट व उनके स्वदेशी संगठनों ने इस मौके का लाभ उठाया। गदर क्रांतिकारियों ने सशस्त्र संघर्ष के माध्यम से अंग्रेजी हुकूमत को उखाड़ फेंकने का प्रयास किया।