गांधीजी का चंपारण सत्याग्रह (1917) तिनकठिया (Tinkathia ) से जुड़ा था।
19वीं सदी के आरंभ में चंपारण में गोरे बागान मालिकों ने किसानों से एक अनुबंध करा लिया, जिसके तहत किसानों को अपनी जमीन के 3/20वें हिस्से में नील की खेती करना अनिवार्य था। इसेn तिनकठिया पद्धति कहते थे।