किचलू तथा सत्यपाल के बंदी बनाने के विरोध में प्रदर्शन करने जलियांवाला बाग में प्रदर्शन के लिए लोग जमा हुए थे ।
रौलेट एक्ट के बढ़ते विरोध को देखते हुए सरकार ने गांधीजी तथा कुछ अन्य नेताओं के पंजाब के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया। इससे वहां की जनता का आक्रोश बढ़ गया।
यह आक्रोश तब और बढ़ गया जब पंजाब के दो लोकप्रिय नेता डॉ. सत्यपाल एवं डॉ. किचलू को गिरफ्तार कर लिया गया।
इस गिरफ्तारी और रौलेट एक्ट का विरोध करने के लिए लोगों ने अमृतसर के जलियांवाला बाग में एक विशाल सभा का आयोजन किया। इसी बाग में 13 अप्रैल, 1919 को शांतिपूर्ण जनसभा में जनरल डायर ने नृशंस नरसंहार करवाया था।