1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन ब्रिटिश सरकार द्वारा अपनाया गया नमक एकाधिकार के मुद्दे पर शुरू किया गया था।
Civil Disobedience Movement की शुरुआत 1930 महात्मा गांधी के प्रसिद्ध दांडी मार्च से हुई थी।
12 मार्च 1930 को महात्मा गांधी जी बाकी सब सदस्यों के साथ मिलकर साबरमती आश्रम अहमदाबाद से चलकर दांडी तक 241 मील दूर स्थित गांव में नमक का कानून तोड़ा था।
6 अप्रैल 1930 को यह सभी लोग दांडी पहुंचने के बाद अपने हाथों से नमक बनाया और नमक का कानून तोड़ा था।
उस समय किसी को भी नमक बनाने का अधिकार नहीं था। Salt Satyagraha के बाद ही पूरे देश में Civil Disobedience Movement in Hindi (सविनय अवज्ञा आंदोलन) का प्रसार फैल गया।