1920 में खिलाफत कमेटी को अंग्रेजी हुकूमत खिलाफ असहयोग आंदोलन छेड़ने की सलाह दी। 9 जून, 1920 को खिलाफत कमेटी ने इलाहाबाद (Allahaba, Uttar Pradesh) में इस सलाह को स्वीकार किया और गांधीजी को आंदोलन का नेतृत्व करने का अधिकार सौंपा।
सितंबर, 1920 में कलकत्ता में लाला लाजपत राय के नेतृत्व में हुए कांग्रेस के विशेष अधिवेशन में असहयोग आंदोलन को प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया।