चौरी-चौरा, उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में गोरखपुर के पास एक कस्बा है। जहां 4 फरवरी, 1922 को आंदोलनकारियों की भीड़ ने ब्रिटिश शासन की एक पुलिस चौकी को आग लगा दी थी, जिससे 23 पुलिस कर्मचारी जिंदा जलकर मर गए थे।
- गांधीजी ने इस घटना की निंदा की तथा असहयोग आंदोलन को स्थगित कर दिया।
- गांधीजी ने इस घटना को हिमालय जैसी भूल की संज्ञा दी।