साइमन कमीशन (Simon Commission) 3 फरवरी, 1928 को बंबई (Mumbai) पहुंचा। वर्ष 1919 के एक्ट में 10 वर्ष पर इसकी समीक्षा हेतु एक संवैधानिक आयोग के गठन का प्रावधान था।
आयोग को यह देखना था कि यह अधिनियम व्यवहार में कहां तक सफल रहा तथा उत्तरदायी शासन की दिशा में कहां तक प्रगति करने की स्थिति में है।
किंतु ब्रिटेन की कंजर्वेटिव सरकार ने इसकी समीक्षा हेतु दो वर्ष पूर्व 1927 में ही साइमन कमीशन की नियुक्ति कर दी।
सर जॉन साइमन की अध्यक्षता में गठित इस कमीशन में कुल 7 सदस्य थे। चूंकि इसमें सभी सदस्य अंग्रेज थे, इसलिए कांग्रेसियों ने इसे श्वेत कमीशन कहकर विरोध किया।