उत्तर-पश्चिमी सीमा प्रांत में खान अब्दुल गफ्फार खां (Khan Abdul Gaffar Khan) के नेतृत्व में खुदाई खिदमतगार नामक स्वयंसेवक संगठन स्थापित किया गया था, इन्हें लाल कुर्ती (Red Shirt) के नाम से भी जाना जाता है।
लाल कुर्ती संगठन ने पठानों की राष्ट्रीय एकता का नारा बुलंद किया और अंग्रेजों से स्वतंत्रता के लिए ब्रिटिश उपनिवेशवाद के विरुद्ध आंदोलन संगठित किया तथा श्रमजीवियों की हालत में सुधार की मांग की।
ध्यातव्य है कि जब अन्य प्रांतों में मुसलमान स्वयं को सत्याग्रह आंदोलन से अलग रख रहे थे, उत्तर-पश्चिमी सीमा प्रांत के मुसलमानों ने खान अब्दुल गफ्फार के नेतृत्व में सविनय अवज्ञा आंदोलन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।