नाभिकीय संलयन अभिक्रिया किस समीकरण पर आधारित है? Nabhikiya Sanlayan Abhikriya Kis Samikaran Par Aadharit Hai?
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नाभिकीय संलयन अभिक्रिया किस समीकरण पर आधारित है? Nabhikiya Sanlayan Abhikriya Kis Samikaran Par Aadharit Hai?

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नाभिकीय संलयन अभिक्रिया E = mc2 के समीकरण पर आधारित है।

नाभिकीय संलयन (Nuclear Fission) : जब दो या दो से अधिक हल्के नाभिक संयुक्त होकर एक भरी नाभिक नाभिक बनाते है। व अत्यधिक ऊर्जा विमुक्त करते है तो यही नाभिकीय संलयन अभिक्रिया कहलाता है।

सूर्य एवं तारों से प्राप्त ऊर्जा एवं प्रकाश का स्त्रोत नाभिकीय संलयन ही है।

  • नाभिकों को संलयित करने के लिए करीब 108K (केल्विन) के उच्च ताप तथा अत्यंत उच्च दाब की आवश्यकता होती है।
  • हाइड्रोजन बम नाभिकीय संलयन पर आधारित है। यह बम परमाणु बम की अपेक्षा 1,000 गुना अधिक शक्तिशाली होता है।
  • नाभिकीय रिएक्टर में ईंधन के रूप में यूरेनियम-235 या प्लूटोनियम-239 का प्रयोग किया जाता है।
  • रिएक्टर में मंदक के रूप में भारी जल या ग्रेफाइट का प्रयोग किया जाता है। मंदक रिएक्टर में न्यूट्रॉन की गति को धीमा करता है।
  • रिएक्टर में नियंत्रक छड़ के रूप में कैडमियम या बोरॉन छड़ का उपयोग किया जाता है।

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