भारत छोड़ो प्रस्ताव वर्धा कांग्रेस कार्य समिति द्वारा पारित होने के बाद 9 अगस्त, 1942 को गांधीजी तथा अन्य सभी कांग्रेसी नेताओं को बंदी बना लिया गया।
गांधीजी को आगा खां महल (Aga Khan Palace) में नजरबंद रखा गया और कांग्रेस कार्य समिति के सदस्यों ( नेहरू, अबुल कलाम आजाद, आसफ अली, जी.वी. पन्त आदि) को अहमदनगर किले में रखा गया।