9 अगस्त, 1942 को गांधी तथा अन्य सभी प्रमुख कांग्रेसी नेताओं को बंदी बना लिया गया।
गांधीजी और सरोजिनी नायडू को पूना के आगा खां के महल में नजरबंद रखा गया और कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्यों (नेहरू, अबुल कलाम आजाद, गोविंद वल्लभ पंत, डॉ. प्रफुल्ल चंद्र घोष, डॉ. पट्टाभि सीतारमैया, डॉ. सैयद महमूद, आचार्य कृपलानी ) को अहमदनगर किले में रखा गया।
कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य राजेंद्र प्रसाद(Dr. Rajendra Prasad) बंबई नहीं आए थे, अतः उन्हें पटना में ही गिरफ्तार कर पटना (बांकीपुर) जेल में नजरबंद रखा