आजाद हिंद फौज (Indian National Army) का ख्याल सबसे पहले मोहन सिंह (Mohan Singh) के मन में आया।
वे ब्रिटेन की भारतीय सेना में अफसर थे। जब ब्रिटिश सेना पीछे हट रही थी, तो मोहन सिंह जापानियों के साथ हो गए थे। जापानियों ने जब भारतीय युद्ध-बंदियों को मोहन सिंह को सुपुर्द कर दिया, तो वे उनमें से लोगों को आजाद हिंद फौज में भर्ती करने लगे।