1853 के चार्टर एक्ट में यह व्यवस्था की गई की नियंत्रण बोर्ड और उसके अन्य पदाधिकारियों का वेतन सरकार निश्चित करेगी, परंतु धन कंपनी देगी।
डायरेक्टरों की संख्या 24 से घटाकर 18 कर दी गई, उसमें 6 क्राउन द्वारा मनोनीत किए जाने थे। नियुक्तियां अब प्रतियोगी परीक्षाओं द्वारा की जानी थी, जिसमें किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाएगा।