काव्याभिव्यक्ति (Poetic Expression) के रूप में उर्दू का प्रयोग करने वाले पहले लेखक अमीर खुसरो (Amir Khusrow) थे। अलाउद्दीन खिलजी के दरबार में अमीर खुसरो मुख्य राजकवि थे।
अमीर खुसरो द्वारा तुगलकनामा, देवला रानी, आशिक, नृप-सिपेहर, खजाइनुल फतुह आदि पुस्तकें की रचना की गई। फारसी भाषा का सर्वश्रेष्ठ भारतीय ज्ञाता अमीर खुसरो, निजामुद्दीन औलिया के शिष्य थे। इन्हें बलबन से लेकर गयासुद्दीन तुगलक के समय तक राजदरबार में संरक्षण प्राप्त था।
हिन्दी शब्दों एवं मुहावरों का प्रयोग करने वाले खुसरो प्रथम भारतीय विद्वान थे।
संगीत के क्षेत्र में अमीर खुसरो को सितार का आविष्कारक माना जाता है। इसने 'तम्बूग' एवं 'भारतीय वीणा' के संयोग से सितार को बनाया।