जैन दर्शन के अनुसार 'जीन' (Jin)' शब्द का अर्थ विजेता (Winner) है।
जैन धर्म के संस्थापक एवं प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव (Rishabhdev) थे।
जैन धर्म के चौबीसवें तीर्थंकर महावीर (Mahavir) थे उनका जन्म 540 ई० पूर्व में कुण्डग्राम (वैशाली) में हुआ था। इनके पिता सिद्धार्थ 'ज्ञातृक कुल' के सरदार थे और माता त्रिशला, लिच्छवि राजा चेटक की बहन थी।
महावीर ने अपना उपदेश प्राकृत (अर्धमगधी) भाषा में दिया।
जैन धर्म के प्रमुख तीर्थंकर उनके प्रतीक चिन्ह एवं उनका क्रम —
तीर्थंकर |
प्रतीक चिन्ह |
क्रम |
ऋषभदेव |
सांड |
प्रथम |
अजीत नाथ |
सांड हाथी |
द्वितीय |
शांतिनाथ |
हिरण |
16वें |
अरिष्ठनेमी |
शंख |
22वें |
पार्श्वनाथ |
सर्प |
23वें |
महावीर |
सिंह |
24वें |