एक टोंटी के मुख से निकलने तथा धारारेखीय प्रवाह में ऊर्ध्वाधर गिरने वाला पानी एक तिरछे स्तम्भ का रूप ले लेता है अर्थात तरल स्तम्भ का अनुप्रस्थ-काट क्षेत्र नीचे जाते समय घट जाता है। इसके लिए निम्नलिखित में से कौन-सा सर्वाधिक यथार्थ स्पष्टीकरण है ?
(A) पृष्ठ तनाव तरल के खुले पृष्ठ क्षेत्र को निरन्तर घटाता रहता है।
(B) जैसे ही पानी नीचे की ओर जाता है इसकी चाल बढ़ जाती है और इसलिए इसका दाब घट जाता है, इसके बाद यह वायुमंडल द्वारा संपीडित हो जाता है।
(C) गिरता हुआ पानी अंतिम वेग तक पहुंचने की चेष्टा करता है और इसलिए उपरिमुखी तथा अधोमुखी बलों को संतुलित करने के लिए अनुप्रस्थ-काट क्षेत्र को घटा देता है।
(D) किसी अनुप्रस्थ-काट से आगे प्रवाहित होने वाले पानी का द्रव्यमान अपरिवर्ती रहना चाहिए। इसके अलावा, पानी करीब-करीब असंपीड्य होता है। इसलिए, आयतन प्रवाह दर अपरिवर्ती रहनी चाहिए। चूंकि यह वेग x क्षेत्र के बराबर होती है, इसलिए वेग के बढ़ने के साथ क्षेत्र घट जाता है।