हम जानते हैं, कि विद्युत धारा (Electric Current) सदैव चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करती हैं। यहाँ तक कि शरीर की तंत्रिका कोशिकाओं (Nerve Cells) के अनुदिश गमन करने वाली दुर्बल आयन धाराएँ चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करती हैं।
जब हम किसी वस्तु को स्पर्श (Touch) करते हैं, तो हमारी तंत्रिकाएँ एक विद्युत आवेश (Electrical Charge) का उस पेशी तक वहन करती है, जिसका हमें उपयोग करना है।
आवेश एक अस्थायी चुम्बकीय क्षेत्र (Temporary Magnetic Field) उत्पन्न करता है। ये क्षेत्र अति दुर्बल होते हैं; तथा के चुम्बकीय क्षेत्र की तुलना में उसके एक अरबवें भाग के बराबर होते हैं।
मानव शरीर के मुख्य भाग हृदय (Heart) एवं मस्तिष्क (Brain) है, जिनमें चुम्बकीय क्षेत्र का उत्पन्न होना महत्त्वपूर्ण है।
ऐसा एक विशेष तकनीक जिसका उपयोग करके शरीर के भीतर चुम्बकीय क्षेत्र शरीर के विभिन्न भागों के प्रतिबिम्ब प्राप्त करने का आधार है, उसे चुम्बकीय अनुनाद (Magnetic Resonance Imaging - MRI) कहते हैं।
चिकित्सा निदान में इन प्रतिबिंब का विश्लेषण काफी सहायक होता हैI इस तरह चिकित्सा विज्ञान (Medical Science) में चुंबकत्व (Magnetism) की अहम भूमिका है।