आज सभी शासन प्रणालियों में लोकतंत्र को सर्वोत्तम माना जा रहा है, क्योंकि इसमें जनमत को अत्यधिक महत्त्व दिया जाता है।
लोकतांत्रिक व्यवस्था में नागरिक सचेत रहते हैं और उनमें राजनीतिक चेतना अधिक होती है। यह समानता, स्वतंत्रता और विश्वबंधुत्व पर आधृत है।
लोकतांत्रिक शासन प्रणाली में नागरिक गुणों का अधिक विकास होता है।
अन्य शासन प्रणालियों से लोकतांत्रिक व्यवस्था इस कारण भी श्रेष्ठ है कि इसमें व्यक्ति की गरिमा और स्वतंत्रता को प्रोत्साहित किया जाता है। इसे हम निम्नांकित रूप में स्पष्ट कर सकते हैं —
1. व्यक्ति की गरिमा में वृद्धि : अन्य शासन प्रणालियों की तुलना में लोकतंत्र नागरिकों को अधिक सम्मान देता है। इसमें नागरिकों के बीच किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जाता है।
इसमें निर्धन और अशिक्षित को भी वही दर्जा प्राप्त होता है जो धनी और शिक्षित को। लोकतंत्र में सर्वत्र समानता दिखाई पड़ती है।
2. स्वतंत्रता को प्रोत्साहन : लोकतांत्रिक व्यवस्था किसी अन्य शासन प्रणाली से इसलिए भी श्रेष्ठ है कि इसमें स्वतंत्रता को प्रोत्साहन मिलता है। लोकतंत्र स्वतंत्रता का पोषक है।
लोकतांत्रिक व्यवस्था में इस बात का पूरा ध्यान रखा जाता है कि नागरिकों की स्वतंत्रता पर कोई आँच नहीं आए।
इसमें नागरिकों को विचार करने, सभा करने, संगठन बनाने, मताधिकार का स्वतंत्रतापूर्वक उपयोग करने, सरकार की आलोचना करने और शासन में भाग लेने की स्वतंत्रता मिलती है।