प्रथम विश्वयुद्ध (First World War) की भयावहता और व्यापकता से सभी आक्रांत थे। सभी राष्ट्र भविष्य में ऐसे किसी युद्ध की कल्पना से बचना चाहते थे। इसके लिए अन्तर्राष्ट्रीय संगठन भी बनाया गया। लेकिन वर्साय और पेरिस की संधियों ने अगले विश्वयुद्ध की पृष्ठभूमि तैयार कर दी थी। जिस तरह से पराजित राष्ट्रों पर निर्णय थोपे गये थे, उनका अपमान किया गया था, इससे यही स्पष्ट था कि अगला विश्वयुद्ध होकर रहेगा। यद्यपि इतना शीघ्र इसकी शुरूआत हो जाएगी, इसकी कल्पना शायद किसी को नहीं थी।
प्रथम विश्वयुद्ध साम्राज्यवाद को समाप्त नहीं कर सका, बल्कि इसकी समाप्ति के उपरांत जो समझौते हुए उससे साम्राज्यवाद का वेग और प्रचंड हुआ। यद्यपि युद्ध को रोकने के लिए राष्ट्रसंघ नामक अंतर्राष्ट्रीय संस्था की स्थापना की गई परन्तु यह अपनी आरम्भिक छोटी-मोटी सफलताओं के बावजूद भी युद्ध को रोकने में सफल नहीं हो सका।