अनुच्छेद 352 - यदि राष्ट्रपति (President) को इस बात का समाधान हो जाए कि गंभीर आपात स्थिति विद्यमान है, या होने के निकट है, जिससे युद्ध, बाह्य आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह से भारत या उसके किसी भाग में संकट पैदा हो सकता है, तो इस अनुच्छेद का प्रयोग राष्ट्रपति कर सकते हैं। ध्यातव्य है कि मूल संविधान के अनु.352 के आंतरिक अशान्ति ( Inner Turmoil) के स्थान पर 44वें संशोधन (1978) से सशस्त्र विद्रोह ( Armed Rebellion) प्रतिस्थापित किया गया है।
अनुच्छेद 355 - संघ का यह कर्तव्य है कि बाह्य आक्रमण और आंतरिक अशांति से प्रत्येक राज्य की रक्षा करे।
अनुच्छेद 356 - यदि राष्ट्रपति को, किसी राज्य के राज्यपाल (Governor Of State) से प्रतिवेदन मिलने पर या अन्यथा, यह समाधान हो जाता है कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिससे उस राज्य का शासन इस संविधान के उपबंधों के अनुसार नहीं चलाया जा सकता, तो राष्ट्रपति इस अनुच्छेद का प्रयोग कर उस राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा सकते हैं।
अनुच्छेद 360 – यदि राष्ट्रपति को यह समाधान हो जाए कि ऐसी स्थिति पैदा हो गई है, जिससे भारत या उसके किसी भाग का वित्तीय स्थायित्व ( Financial Stability) संकट में है, तो वह वित्तीय आपात की घोषणा कर सकता है।