राष्ट्रवाद से आप क्या समझते हैं? भारतीय राष्ट्रवाद उदय के की व्याख्या करें। Rashtravad Se Aap Kya Samajhte Hain? Bhartiya Rashtravad Ke Uday Ke Pramukh Karan Ki Vyakhya Karen
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राष्ट्रवाद से आप क्या समझते हैं? भारतीय राष्ट्रवाद उदय के की व्याख्या करें। Rashtravad Se Aap Kya Samajhte Hain? Bhartiya Rashtravad Ke Uday Ke Pramukh Karan Ki Vyakhya Karen

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राष्ट्रवाद का शाब्दिक अर्थ है राष्ट्रीय चेतना का उदय। यह ऐसी चेतना है, जिसमें राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक एकता की अनुभूति होती है।

इसमें स्थानीय एवं क्षेत्रीय तत्त्वों के स्थान पर राष्ट्रीय तत्त्वों को महत्त्व प्रदान किया जाता है। 19वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध से भारतीय राष्ट्रवाद का तेजी से विकास हुआ।

भारत में राष्ट्रवाद के उदय के प्रमुख कारण निम्नलिखित है —

  • भारत का राजनीतिक एकीकरण : 1857 के बाद अँगरेजी अधिसत्ता की स्थापना के से भारत का एकीकरण हुआ। इस प्रक्रिया में राष्ट्रीय तत्त्व प्रमुख बन गए।
  • सरकार की प्रतिगामी नीतियाँ : अँगरेजी सरकार की प्रतिगामी नीतियों से भारतीयों का आक्रोश बढ़ा ।
  • प्रजातीय विभेद की नीति : अँगरेजों की प्रजातीय विभेद की नीति से भारतीय आहत हो उठे। यह राष्ट्रवाद के विकास का महत्त्वपूर्ण कारण बन गया। 
  • अँगरेजी सरकार के विरुद्ध असंतोष की भावना : अँगरेजी नीतियों के कारण समाज का प्रत्येक वर्ग असंतुष्ट था।
  • सरकार की आर्थिक नीतियाँ : सरकारी आर्थिक नीतियों के कारण गरीबी, बेरोजगारी बढ़ी। भारत से धन का निष्कासन बढ़ा। इसकी प्रतिक्रिया हुई।
  • मध्यम वर्ग का उदय : मध्यम वर्ग ने सामाजिक एवं राजनीतिक चेतना जगाने का काम किया।
  • पश्चिमी जगत से संपर्क : आधुनिक शिक्षा प्राप्त करने से भारतीयों की मानसिक जड़ता समाप्त हो गई। वे भी समानता, स्वतंत्रता एवं नागरिक अधिकारों की माँग करने लगे।
  • सामाजिक-धार्मिक सुधार आंदोलनों का प्रभाव : 19वीं शताब्दी के सामाजिकधार्मिक सुधार आंदोलनों एवं इनके नेताओं तथा संगठनों ने भारतीयों में आत्मसम्मान, गौरव की भावना जागृत कर राष्ट्रवाद को बढ़ावा दिया।
  • साहित्य एवं समाचारपत्रों का योगदान : समाचारपत्रों एवं साहित्यकारों ने अपने लेखों और रचनाओं से राष्ट्रवाद और देशभक्ति की भावना जागृत की।
  • प्राचीन संस्कृति का ज्ञान : अपनी प्राचीन सभ्यता एवं संस्कृति का ज्ञान प्राप्त करने से भी भारतीयों में देशभक्ति की भावना जगी।
  • राजनीतिक संस्थाओं का योगदान : सन् 1885 में स्थापित भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस ने राष्ट्रवादी गतिविधियों को संगठित करने एवं उन्हें एक नई दिशा देने का प्रयास किया।

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