उच्च दाब पर संचित प्राकृतिक गैस को संपीडित प्राकृतिक गैस (compressed natural gas, CNG) कहते हैं।
दाब को और अधिक बढ़ाने पर प्राकृतिक गैस द्रवीभूत हो जाती है। इस द्रव को द्रवीभूत पेट्रोलियम गैस (liquefied petroleum gas, LPG) कहते हैं।
CNG एवं LPG में मुख्यतः मेथेन गैस विद्यमान होती है। संपीडित प्राकृतिक गैस का उपयोग शक्ति उत्पादन में होता है। आजकल वाहनों में डीजल एवं पेट्रोल के स्थानों पर इन दोनों गैसों का उपयोग होने लगा है।
1991 से ही विश्व की एक प्रमुख कंपनी, पिनैकॅल (Pinnacal) ने मोटरगाड़ियों में संपीडित प्राकृतिक गैस ईंधन भरने के लिए उच्च कोटि के यंत्र और प्रौद्योगिकी (technology) विकसित कर ली है।
आजकल बाजार में संपीडित प्राकृतिक गैस सभी मोटरगाड़ियों के ईंधनों की अपेक्षा एक साफ-सुथरा एवं ज्वलनशील ईंधन है। इसके उपयोग से वाहनों में ईंधन की लागत (cost) और उससे उत्सर्जन की मात्रा कम हो जाती है। वाहनों के संचलन में इसके जलने से धुआँ नहीं निकलता है तथा कोई विषैली गैस भी नहीं उत्पन्न होती है, अतः यह ईंधन वायु प्रदूषण में कोई योगदान नहीं करती है।
आजकल ऑटोमोबाइलों में इसका उपयोग अत्यधिक हो रहा है। इसको सिलिंडरों में भरकर वाहनों में फिट कर दिया जाता है। .
इस प्रकार स्पष्ट होता है कि कोयला, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस खदानों से प्राप्त होते हैं। इन्हें हम प्रयोगशाला में नहीं बना सकते हैं। इसका कारण है कि इनके निर्माण की काफी मंद प्रक्रिया है तथा प्रयोगशाला में इसके निर्माण के लिए आवश्यक शर्तों को उत्पन्न करना संभव नहीं है।