संविधान की प्रस्तावना/उद्देशिका को कन्हैया लाल मानिकलाल मुंशी (kanhaiyalal Maniklal Munshi) ने भारत के संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य की जन्मकुण्डली कहा। प्रस्तावना संविधान का दर्शन है, सार तत्व है, आत्मा है, हृदय है।
एन०ए० पालकीवाला ने प्रस्तावना को " संविधान का परिचय पत्र कहा है।
पं० ठाकुर दास भार्गव ने संविधान के प्रस्तावना को कुँजी, रत्न और आत्मा कहा है।
ऑर्नेस्ट बार्कर ने प्रस्तावना को संविधान का Key-Note कहा है।