पुराणों का अध्ययन करने वाला प्रथम मुसलमान अलबरूनी (Alberoni) था ।
उसका जन्म 973 ई. में हुआ था। वे रीवा (प्राचीन ख्वारिज्म) देश का रहने वाला था। वह महमूद गजनवी के साथ भारत आया था।
अलबरूनी मात्र इतिहासकार ही नहीं थे, बल्कि उसके ज्ञान और रुचियों की व्याप्ति जीवन के अन्य क्षेत्रों तक थी, जैसे - खगोल-विज्ञान, भूगोल, तर्कशास्त्र, औषधि-विज्ञान, गणित तथा धर्म और धर्मशास्त्र ।
इन्हीं रुचियों ने उसे भारत की तत्कालीन धार्मिक-सांस्कृतिक स्थिति के बारे में ज्ञान प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया। उसने संस्कृत का अध्ययन किया और अनेक संस्कृत रचनाओं का उपयोग किया। जिसमें ब्रह्मगुप्त, बलभद्र तथा वाराहमिहिर की रचनाएँ विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। अलबरूनी ने अरबी भाषा में तहकीक-ए-हिन्द की रचना की थी।
सर्वप्रथम एडवर्ड साचाऊ ने अरबी भाषा से इस ग्रंथ का अनुवाद अंग्रेजी भाषा में किया । किताब-उल-हिन्द का अनुवाद हिन्दी में रजनीकांत शर्मा द्वारा किया गया ।