1833 के अधिनियम की सबसे महत्वपूर्ण धारा कौन-सी थी? 1833 Ke Adhiniyam Ki Sabse Mahatvpurn Dhara Kaun-Si Thi?
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1833 के अधिनियम की सबसे महत्वपूर्ण धारा कौन-सी थी? 1833 Ke Adhiniyam Ki Sabse Mahatvpurn Dhara Kaun-Si Thi?

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1833 के अधिनियम की सबसे महत्वपूर्ण धारा 87, जिसके द्वारा कोई भी भारतीय ईस्ट इण्डिया कम्पनी के किसी पद से जन्म स्थान, धर्म एवं रंग के आधार पर भविष्य में वंचित नहीं किया जाएगा।

1833 के अधिनियम में मैकाले एवं जेम्स मिल का प्रयास स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ता है। इस अधिनियम की कुछ अन्य प्रमुख विशेषताएँ हैं—

  • कम्पनी के वाणिज्यिक अधिकार समाप्त कर दिए गए, तथा उसे भविष्य में केवल राजनैतिक कार्य ही करने थे।
  • इस अधिनियम द्वारा कम्पनी के चीन से व्यापार तथा चाय सम्बन्धी व्यापार के एकाधिकार को समाप्त कर दिया गया। 
  • इस अधिनियम के द्वारा भारतीय प्रशासन का केन्द्रीयकरण किया गया। बंगाल का गवर्नर जनरल अब 'भारत का गवर्नर जनरल' बना दिया गया।
  • इस अधिनियम के द्वारा दास व्यापार को अवैध घोषित कर दिया गया।

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