अकाल तख्त का निर्माण गुरु हरगोविन्द (Guru Hargovind) ने किया था। सिखों के छठे गुरु हरगोविन्द सिंह का संघर्ष शाहजहाँ (Shahjahan) के साथ हुआ था।
गुरु हरगोविन्द ने अमृतसर की किलेबन्दी किया था। इन्होंने सिख को एक लड़ाके जाति में परिवर्तित कर दिया।
गुरु गोविंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना थी। इनके दो पुत्र फतह सिंह और जोरावर सिंह को जिन्दा दीवार में चुनाव दिया। (फौजदार वजीर खाँ)
गोविंद सिंह ने अपने को सच्चा बादशाह घोषित किया था।