प्रश्नकाल और सभा पटल पर पत्र रखे जाने के तत्काल पश्चात तथा किसी सूचीबद्ध कार्य को सभा द्वारा शुरू करने से पहले के समय का लोकप्रिय नाम शून्यकाल (Zero Hour) है।
चूंकि यह मध्याह्न 12 बजे शुरू होता है। इस अवधि को शिष्ट भाषा में शून्यकाल कहते हैं। लोक सभा में कथित शून्यकाल में मामले उठाने के लिए सदस्य प्रतिदिन पूर्वांह 10 बजे से पूर्व जिस महत्वपूर्ण विषय को सभा में उठाना चाहते हैं, उसके बारे में स्पष्टतः बताते हुए अध्यक्ष को सूचना देते हैं।
सभा में ऐसे मामले को उठाने या न उठाने की अनुमति देना अध्यक्ष पर निर्भर करता है। संसदीय प्रक्रिया में शून्य काल शब्द को औपचारिक मान्यता प्राप्त नहीं है।