सत्य शोधक समाज ज्योतिबा फुले (Jyotiba Phule) ने शुरू किया था।
सत्य शोधक समाज 24 सितम्बर, 1873 में ज्योतिबा फुले द्वारा स्थापित एक पन्थ या संप्रदाय है। सत्य शोधक समाज का मुख्य उद्देश्य शुद्ध एवं अस्पृश्य जाति के लोगों को विमुक्त करना था। इनका विचार “गुलामगिरी सार्वजनिक सत्यधर्म" में निहित है।
- आर्यसमाज (1875) के संस्थापक स्वामी दयानन्द सरस्वती है।
- विश्व भारती (1921) के संस्थापक रवीन्द्र नाथ ठाकुर थे।
- एशियाटिक सोसाइटी (1784) की स्थापना विलियम जोन्स ने की थी।
- प्रार्थना समाज की स्थापना केशवचन्द्र के सहयोग से एम.जी. रानाडे, आत्माराम पांडुरंग, देवेन्द्रनाथ ठाकुर ने की थी।
- ब्रिटिश सार्वजनिक सभा की स्थापना दादाभाई नौरोजी ने की थी।
- अभिनव भारत संस्था की स्थापना 1904 में विनायक दामोदर सावरकर ने की थी।