मैसूर साम्राज्य और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच तृतीय आंग्ल-मैसूर युद्ध (Third Anglo Mysore War) 1790 से 1792 तक लड़ा गया था।
तृतीय आंग्ल-मैसूर युद्ध की समाप्ति श्रीरंगपट्टनम की संधि के द्वारा 1792 ई० में हुआ। इस समय ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के गवर्नर जनरल कार्नवालिस थे।
टीपू ने अपनी राजधानी श्रीरंगपट्टनम में स्वतंत्रता का वृक्ष लगवाया और साथ ही जैकोबिन क्लब का सदस्य बना। टीपू सुल्तान को शेर-ए-मैसूर कहा जाता था।
टीपू सुल्तान के राजसी झंडे पर शेर की तस्वीर होती थी। टीपू सुल्तान ने 1787 ई० में पादशाह की उपाधि धारण की।