न्यायिक पुनर्विलोकन का अर्थ यह है कि सर्वोच्च न्यायालय - Nyayik Punarvilokan Ka Arth Yah Hai Ki Sarvoch Nyayalay -
(a) को सभी प्रकरणों पर अंतिम अधिकार प्राप्त होता है।
(b) राष्ट्रपति के विरुद्ध दोषारोपण कर सकता है।
(c) उच्च न्यायालयों द्वारा निर्णीत प्रकरणों की समालोचना कर सकता है।
(d) किसी भी राज्य के कानून को अवैध घोषित कर सकता है।