सोवियत गणराज्य (USSR) से लिथुआनिया (Lithuania) देश ने अपनी स्वतंत्रता की घोषणा सबसे पहले की।
लिथुआनिया तीन बाल्टिक देशों में सबसे बड़ा है। 11 मार्च 1990 को लिथुआनिया ने USSR से अलग होने की घोषणा की। आधुनिक लिथुआनिया यूरोपीय संघ, यूरोपीय परिषद् और नाटों का सदस्य है।
USSR के विघटन से पूर्व इसका क्षेत्रफल 2,24,02,200 वर्ग किमी० था।
सोवियत संघ की विघटन की घोषणा दिसम्बर 1991 में किया गया। मिखाइल गोर्बाचेव, 1985 में USSR के राष्ट्रपति बने था।
गोर्बाचेव का उस्कोरेनी (त्वरण), पेरेस्त्रोइका (पुनर्गठन) और ग्लास्नोस्त (खुलापन) की नीतियाँ ही USSR के पत्तन का कारण बन गया। यह साम्यवाद को सकारात्मक दृष्टि से मजबूत बनाने के लिए किया गया था।
गोर्बाचेव का उद्देश्य इन अवधारणाओं के माध्यम से सोवियत व्यवस्था में आमूलचूक परिवर्तन लाना था।
गोर्बाचेव के नितियों को दूसरी सोवियत क्रांति के आगमन का प्रतीक माना गया था।
गोर्बाचेव की नीतियाँ ही USSR के विघटन का कारण बन गया।