इंटरफेरॉन शब्द विषाणु रक्षक प्रोटीन को संदर्भित करता है।
इंटरफेरॉन, विषाणु संक्रमित कोशिकाओं द्वारा उत्पादित वे प्रोटीन होते हैं, जो अन्य स्वस्थ कोशिकाओं को विषाणुओं से सुरक्षा प्रदान करते हैं। एक विषाणु द्वारा प्रेरित इंटरफेरॉन अन्य विषाणुओं से भी सुरक्षा प्रदान करता है।
वायरस अकोशिकीय अतिसूक्ष्म जीव है जो केवल जीवित कोशिका में ही वृद्धि कर सकते हैं। वायरस क्रिस्टल के रूप में इकट्ठा किया जा सकता है। ये नाभिकीय अम्ल और प्रोटीन से मिलकर गठित होते हैं।
ये तीन प्रकार के होते हैं —
(i) पादप विषाणु (Plant Virus)
(ii) जन्तु विषाणु (Animal Virus)
(iii) जीवाणुभोजी (Bacteriophage)
वायरस शरीर के बाहर मृत अवस्था में रहता है परंतु शरीर के अंदर जाते ही जीवित हो जाते हैं।इसे इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी द्वारा देखा जाता
जिस वायरस में RNA आनुवंशिक पदार्थ होता है, उसे रेट्रोवायरस कहते हैं।