सड़क पर चलते समय किसी बैलगाड़ी के पहियों की गति स्थानांतरीय और घूर्णन गति (Translational and Rotational Speed) का उदाहरण है।
जब बैलगाड़ी का पहिया चलता है तो वह सड़क पर स्थानांतरीय गति तथा अपनी अक्ष के इर्द-गिर्द घूर्णन गति करता है।
जब कोई वस्तु समय के साथ अपनी स्थिति में परिवर्तन करता है, तो उसे गति कहा जाता है।
गति तीन प्रकार के होते हैं—
(a) एकविमीय गति
(b) द्विविमीय गति एवं
(c) त्रिविमीय गति
न्यूटन ने गति के नियम 1687 में प्रिंसिपिया नामक पुस्तक में दिये हैं।
प्रथम नियम से बल की परिभाषा प्राप्त होती है।
द्वितीय नियम से बल का व्यंजक, संवेग की परिभाषा तथा आवेग की परिभाषा प्राप्त होती है।
तृतीय नियम से संवेग संरक्षण का सिद्धांत प्राप्त होता है।
प्रकृति में 4 प्रकार के मूल बल हैं —
प्रबल नाभिकीय बल > विद्युत चुम्बकीय बल > दुर्बल नाभिकीय बल > गुरूत्वाकर्षण बल