ग्रीनविले ने सन् 1765 ई. में स्टांप एक्ट पारित किया था। सप्तवर्षीय युद्ध में इंग्लैंड की काफी क्षति हुई थी इस क्षतिपूर्ति हेतु तत्कालीन प्रधानमंत्री ग्रेनविले ने 1765 ईस्वी में स्टांप एक्ट पारित किया था।
जिसके तहत सभी अदालतों कागजों अखबारों आदि पर 20 शीलिंग का स्टांप लगाना जरूरी था। 1776 ईस्वी में ब्रिटिश सांसद ने कागज, शीशा, चाय और रोगन जैसे उपभोक्ता वस्तु पर भी कर लगाया।
उपनिदेशकों ने इस कर का कड़ा विरोध किया तथा सैमुअल ऐडम्स ने प्रतिनिधित्व नहीं तो कर नहीं का नारा दिया।