उत्तर बिहार (North Bihar) की 90% आबादी गाँवों में रहती है और 80% जनसंख्या (Population) कृषि पर आश्रित है । इसके बावजूद यहाँ का प्रति हेक्टेयर उत्पादन अन्य राज्यों की अपेक्षा कम है।
यह राज्य कृषि संबंधी अनेक समस्याओं से जूझ रहा है—
(i) मिट्टी कटाव एवं गुणवता का ह्रास— भारी वर्षा और बाढ़ के कारण मिट्टी का कटाव होता है एवं लगातार रासायनिक खादों के उपयोग से भी मिट्टी का ह्रास होता है।
(ii) घटिया बीजों का उपयोग— उच्च कोटि के बीज का उपयोग नहीं होने के कारण प्रति एकड़ उपज अन्य राज्यों की अपेक्षा उत्पादन कम होती है।
(ii) खेतों का आकार छोटा होना— खेतों के छोटा होने से वैज्ञानिक पद्धति से खेती संभव नहीं हो पाती।
(iv) सिंचाई की समस्या— कृषि मानसून आधारित है। कृषि भूमि की मात्र 46% पर ही सिंचाई उपलब्ध है।
(v) बाढ़— प्रत्येक साल नदियों के मार्ग बदलने से नदी मार्ग से बाहर निकली हुई भूमि पर आधिपत्य को लेकर बाहुबलियों एवं नक्सलियों का आतंक दियरा प्रदेश की एक समस्या बन गयी है।
इन सभी समस्याओं के अलावे पूँजी का अभाव, पशुओं की दयनीय स्थिति, किसानों में रूढ़िवादिता जनसंख्या आर्थिक, सामाजिक समस्याएँ कृषि विकास के बाधक है।