वायुमंडलीय ओजोन की ऊपरी परत ऑक्सीजन अणुओं के संयोजन से बनती है।
ऑक्सीजन के तीन अणु (O3) मिलकर ओजोन का एक अणु बनाता है ।
ओजोन 32 किमी. से 60 किमी. तक पाया जाता है। ओजोन मण्डल में छिद्र हो रहा है जिससे पराबैंगनी किरण पृथ्वी पर आती है जो अनेक बीमारियों का कारण बनती है। ओजोन परत सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणों को शोषित कर लेती है। पृथ्वी का कवच ओजोन परत को कहा जाता है।
ओजोन परत के क्षरण के लिए CFC गैस मुख्यतः जिम्मेवार है।
ओजोन परत की मोटाई डाबसन इकाई में नापते हैं।