ओम के नियम (Ohm's law) से करने पर ज्ञात होता है कि ωL का मात्रक ओम है जिसका प्रभाव परिपथ में प्रभावित धारा के लिए अवरोध उत्पन्न करता है।
ωL को XL द्वारा सूचित किया जाता है तथा इसे प्रेरणिक प्रतिघात (Prernik Pratighat) कहा जाता है। अतः, XL = ωL = 2 π f L