प्राथमिक और द्वितीयक इंद्रधनुष में अंतर—
जब सूर्य का श्वेत प्रकाश वर्षा के समय वर्षा की बूंदों पर पड़ता है तो कभी-कभी, हमें पीठ सूर्य की ओर रखने पर सात रंगोंवाली संकेद्री चापें दिखाई पड़ती हैं। इन रंगीन चापों को इंद्रधनुष कहते हैं।
बहुधा दो इंद्रधनुष एक साथ दिखाई पड़ते हैं, जो एक-दूसरे के ऊपर रहते हैं। अंदरवाले इंद्रधनुष को प्राथमिक इंद्रधनुष तथा बाहरवाले को द्वितीयक इंद्रधनुष कहते हैं।
दोनों ही प्रकार के इंद्रधनुष प्रकाश के वर्ण-विक्षेपण के कारण दिखाई देते हैं।
प्राथमिक इंद्रधनुष सूर्य के प्रकाश के उन किरणों द्वारा दिखाई देता है जिनका वर्षा की बूंदों के अंदर दो बार अपवर्तन और एक बार आंतरिक परावर्तन के बाद न्यूनतम विचलन होता है।
द्वितीयक इंद्रधनुष सूर्य के प्रकाश के उन किरणों से दिखाई देता है जिनका वर्षा की बूँदों में दो बार अपवर्तन तथा दो बार आंतरिक परावर्तन के बाद न्यूनतम विचलन होता है।