गवर्मेंट ऑफ इंडिया एक्ट 1935 (Government of India Act 1935) साइमन कमीशन (Simon Commission) पर आधारित था।
साइमन कमीशन 8 नवम्बर, 1927 में गठित किया गया था। सर जॉन साइमन की अध्यक्षता में इसका सात सदस्यीय संवैधानिक आयोग बनाया गया।
1919 के भारतीय परिषद् एक्ट के अनुसार 10 वर्ष बाद संवैधानिक आयोग बनाने का प्रावधान था।
साइमन कमीशन की नियुक्ति का कारण यह था कि लेवर पार्टी सरकार को ऐसा लगता था कि वो 1929 के आम चुनाव में हार सकते हैं।
समय से दो वर्ष पूर्व साइमन कमीशन का उद्देश्य भारत के प्रशासनिक व्यवस्था पर रिपोर्ट देना और आगे के प्रशासनिक सुधार का सुझाव देना था।
साइमन कमीशन के सभी सदस्य अंग्रेज थे । इस कारण श्वेत आयोग (White commission) भी कहा जाता है।
साइमन कमीशन का भारत में व्यापक स्तर पर विरोध किया गया। लाहौर में साइमन कमीशन का विरोध करते हुए लाला राजपत राय पुलिस की लाठी से घायल हो गए। बाद में उनकी मृत्यु हो गयी।
सॉण्डर्स की हत्या भगत सिंह ने कर दी।
साइमन कमीशन की रिपोर्ट पर लंदन के सेंटपाल हाल में तीन गोलमेज सम्मेलन आयोजित किया गया। 1930, 1931, और 1932 में क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय गोलमेज सम्मेलन हुए।
1933 में श्वेत-पत्र निकाला गया।
लॉर्ड लिनलिथगो की अध्यक्षता में प्रवर समिति बनाया गया। प्रवर समिति की रिपोर्ट पर 1935 के भारत शासन अधिनियम लाया गया।