भारत में सूती वस्त्र उद्योग के वितरण— यह देश का सबसे अधिक विकेंद्रीकृत उद्योग है। विशेष रूप से इसका जमाव गंगा के मैदान और प्रायद्वीपीय भू-भाग के शुष्क पश्चिमी भागों में अधिक मिलता है।
सूती-वस्त्र उद्योग (cotton textiles industry) हमारे देश में निम्न प्रकार से विकेंद्रित है—
1. महाराष्ट्र (Maharashtra) — यह राज्य प्रथम स्थान रखता है। यहाँ पर 157 मिलें हैं, जिनमें से अकेले मुंबई महानगर में 62 मिलें हैं। इसलिए इसे सूतीवस्त्रों की राजधानी कहते हैं। इस राज्य में 3 लाख से अधिक श्रमिक इस कार्य में लगे हैं। शोलापुर, अकोला, अमरावती, वर्धा, पूना, सतारा, कोल्हापुर, नागपुर आदि सूती वस्त्र उद्योग के केंद्र हैं।
2. गुजरात (Gujarat) — यह दूसरा सबसे बड़ा वस्त्र उत्पादक राज्य है। यहां पर 110 मिलें हैं। इस राज्य में वही सब सुविधाएँ प्राप्त हैं, जो महाराष्ट्र राज्य को प्राप्त है। अहमदाबाद सूती-वस्त्रों की राजधानी है। इस नगर में 72 मिलें हैं। अन्य महत्त्वपूर्ण केंद्र बड़ोदरा, सूरत, भावनगर, पोरबंदर, राजकोट तथा भड़ौच हैं।
3. मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) — यहाँ पर कपास बहुतायत से उत्पन्न की जाती है। इसके अलावा कोयला, सस्ते श्रमिक, रेल-परिवहन की सुविधा आदि प्राप्त है। यहाँ 24 मिलें हैं। प्रमुख केंद्र इन्दौर, उज्जैन, देवास, रतलाम, ग्वालियर, भोपाल और जबलपुर हैं।
4. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) — उत्पादन की दृष्टि से इसका चौथा स्थान है। यहाँ पर 36 मिलें है। कानपुर उत्तर भारत का मैनचेस्टर कहलाता है। मुरादाबाद, मोदीनगर, सहारनपुर, अलीगढ़, आगरा, इटावा, वाराणसी, लखनऊ आदि प्रमुख केन्द्र हैं। यह कपास पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र राज्यों से मंगाता है।
5. पश्चिम बंगाल (West Bangal) — इस राज्य में यह बाजार-स्थापना उद्योग है, जबकि महाराष्ट्र में यह कच्चा-माल स्थापना उद्योग है। शेष सभी वही सुविधाएँ प्राप्त हैं जो महाराष्ट्र को है। यहाँ 45 मिलें हैं। कोलकाता के आसपास 50 किमी० की परिधि में हुगली नदी के दोनों किनारों पर हुगली, हावड़ा, चौबीस परगना जिलों में वस्त्र-उद्योग केंद्रित है।
6. तमिलनाडु (Tamilnadu) — इस राज्य में मिलों की संख्या सबसे अधिक 208 हैं। उत्पादन की दृष्टि से इसका स्थान छठा है। यहाँ पर कपास का यथेष्ट मात्रा में मिलना, सस्ती जल-विद्युत, पर्याप्त श्रमिक जैसी सुविधाएँ उपलब्ध हैं। "कोयम्बटूर इस राज्य की वस्त्र राजधानी है।" अन्य प्रमुख केंद्र मदुरई, चेन्नई, सलेम, पेराम्बूर, रामनाथपुरम आदि हैं।
7. कर्नाटक (Karnataka) — यहां 30 मिलें हैं। देवनगिरी, हुबली, मैसूर, बंगलौर, आदि मैं बड़े-बड़े वस्त्र मिले स्थित है। यहां मध्यम और निम्न किस्म के वस्त्र तैयार किए जाते हैं।
इनके अतिरिक्त आंध्रप्रदेश में 31 मिलें और केरल में 26 कारखानें हैं। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और बिहार में भी सूती वस्त्र के कारखाने पाये जाते हैं।
निर्यात व्यापार– भारत से दक्षिणी-पूर्वी एशिया, पूर्वी अफ्रीका और संयुक्त राज्य अमेरिका को सिलेसिलाये कपडे का निर्यात होता है।
चीन और जापान के साथ प्रतिस्पर्द्धा बनी रहती है। सूती-वस्त्र निर्यात वृद्धि परिषद (Cotton Textile Export Promotion Council) भारतीय वस्त्र की विदेशों में निर्यात बढ़ाने की दिशा में कार्य करती है।
1998-99 ई० में भारत से 52,720-78 करोड़ रुपये का कपड़ा निर्यात हुआ। देश के कुल निर्यात व्यापार में कपड़ा का हिस्सा 33% है।
इससे स्पष्ट है कि भारत की अर्थव्यवस्था में इस उद्योग की भूमिका बहुत महत्त्वपूर्ण है।