विकास के उत्परिवर्तन सिद्धान्त का प्रतिपादन ह्यूगो डी ब्रीज (Hugo De Breeze) ने किया था।
Note : विकास के उत्परिवर्तन सिद्धान्त (Mutation theory) को हॉलैण्ड के पादपशास्त्री (Botanist) ह्यूगो डी ब्रीज ने दिया। इनके अनुसार, नई जाति (Species) की उत्पत्ति अचानक एक ही बार में होने वाली स्पष्ट तथा स्थायी (वंशागत) बड़ी विभिन्नताओं (उत्परिवर्तनों) के कारण होती है। जाति का पहला सदस्य जिसमें उत्परिवर्तित लक्षण दिखाई देता है, उत्परिवर्ती (Mutant) कहलाता है। इन्होंने अपना प्रयोग सांध्य प्रिमरोज (Evening Primrose) पर किया था।