सामंतवाद (Fieudalism) : यह भूमि पर आधारित एक सामाजिक एवं आर्थिक व्यवस्था थी। यह व्यवस्था भूमि-वितरण के आधार पर बनी हुई थी। ऐसी सामाजिक व्यवस्था में प्रत्येक व्यक्ति का अधिकार और कर्त्तव्य उसकी अधिकृत भूमि से सुनिश्चित किया जाता था। इस समाज में भूमि का स्वामित्व राजा का होता था एवं राजा से दूसरे लोगों को प्रत्यक्ष. या अप्रत्यक्ष रूप से भूमि प्रदत्त होती थी।
राजा द्वारा जिन्हें भूमि प्रदान किये जाते थे वे बड़े सामंत, जिन्हें भूमि देते थे, उन्हें छोटे सामंत कहे जाते थे तथा छोटे सामंत से जो भूमि पाते थे वे साधारण सामंत कहलाते थे। इस व्यवस्था से छोटे बड़े सामंतों के अधिकार एवं कर्त्तव्य सुनिश्चित किए जाते थे।